उरई नगर पालिका से रेप पीड़िता को किया गया आउट, आरोपी इन
उरई नगर पालिका से रेप पीड़िता को किया गया आउट, आरोपी इन
-पीड़िता ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपकर लगाई न्याय की गुहार
-ईओ व पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि विजय चौधरी पर समझौते का दबाव बनाने का आरोप
जालौन (उत्तर प्रदेश)। उरई नगर पालिका में आउटसोर्सिंग पर तैनात एक महिला को नगर पालिका से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। महिला का कसूर सिर्फ इतना था कि बीते जुलाई माह में महिला ने पालिका में तैनात एक संविदा कर्मी द्वारा अपने ऊपर की गई क्रूरता की शिकायत पुलिस से की थी। पुलिस ने भी मामले में रेप समेत संगीन धाराओं में मामला दर्ज किया था। जिसके बाद सोमवार को नगर पालिका पहुंची महिला को नगर पालिका से सेवाएं समाप्त करते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसके साथ ही रेप के आरोपी को दोबारा ड्यूटी पर ससम्मान ज्वाइन कराया गया। जबकि उक्त मामला न्यायालय में विचाराधीन है। महिला ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है साथ ही मामले में नगर पालिका ईओ उरई व पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि पर मामले में समझौता न करने पर उसे सजा देने का आरोप भी लगाया है।
बताते चलें कि बीते जुलाई माह में नगर पालिका उरई में तैनात आउटसोर्सिंग महिला कर्मचारी ने पालिका में तैनात संविदा कर्मचारी पर रेप का आरोप लगाया था। जिसमें पुलिस ने मामला भी दर्ज किया था। मंगलवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची पीड़िता ने बताया कि उसके मामले में नगर पालिका ईओ व पालिकाध्यक्ष द्वारा फर्जी मेडिकल रिपोर्ट द्वारा रेप के आरोपी को ड्यूटी पर ज्वॉइन करा लिया गया है। जबकि उसे पालिका ईओ रामअचल कुरील द्वारा अपशब्द कहते हुए नगर पालिका से भगा दिया गया। महिला का आरोप है कि मामले में ईओ रामअचल कुरील व पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि विजय चौधरी व अन्य लोगों द्वारा समझौते का दबाव बनाया जा रहा था। जब उसने समझौता करने से मना किया तो पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि द्वारा उसे रुपये की ताकत का एहसास कराते हुए कहा गया कि पैसे में बहुत ताकत होती है और अच्छे-अच्छे मामले सुलट जाते हैं। पीड़िता ने बताया कि जब उसने समझौते से मना कर दिया तो आरोपी से सांठगांठ कर मामले में हेराफेरी भी की गई। महिला का आरोप है कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है इसके वावजूद भी उसे नगर पालिका से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जबकि रेप के आरोपी को नगर पालिका में फिर से ज्वाइनिंग दे दी गई है। पीड़िता ने शिकायती पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी से मामले की जांच कराने व आरोपी की ड्यूटी निरस्त किये जाने की मांग की है।
वहीं मामले को लेकर उरई नगर पालिका ईओ रामअचल कुरील का कहना है कि आरोपी पालिका में संविदा कर्मी है जिसपर अभी दोष सिद्ध नहीं हुआ है। मामले की फाइनल रिपोर्ट के अनुसार आरोपी दोषी नहीं है जिस आधार पर उसे बहाल कर दिया गया है। वहीं महिला पालिका में आउटसोर्सिंग पर तैनात थी जिसे कम्पनी द्वारा हटाया गया है। साथही महिला द्वारा समझौते का दबाव बनाए जाने के आरोप बेबुनियाद हैं।
इनपुट------
नितिन यागिक
हिंदी समाचार
जालौन (उत्तर प्रदेश)
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